बिग बैंग वेडिंग सीज़न से भारतीय अर्थव्यवस्था को अप्रत्याशित बढ़ावा मिलेगा: कैट
Updated on
30-09-2024 08:43 PM
अंजना मिश्रा
ख़बर खुलासा
Surat *नवंबर-दिसंबर 2024 में 48 लाख शादियों से 5.9 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद*
अकेले दिल्ली में ही 4.5 लाख शादियों से 1.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान*
*विदेशी सामान के मुक़ाबले भारतीय उत्पादों की मचेगी धूम
देशभर के व्यापारी वर्ग ने आगामी शादी के सीजन में एक अभूतपूर्व व्यापारिक उछाल की तैयारी शुरू कर दी है, जो 12 नवंबर 2024 से शुरू हो रहा है। कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, इस शादी के सीजन में देश के रिटेल सेक्टर—जिसमें वस्तुएं और सेवाएं दोनों शामिल हैं—से 5.9 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है। पूरे देश में अनुमानित 48 लाख शादियों के साथ, यह सीजन एक प्रमुख आर्थिक वृद्धि का पायदान साबित होगा। पिछले साल 35 लाख शादियों के साथ कुल व्यापार 4.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा था। इस वर्ष शुभ विवाह तिथियों की संख्या में वृद्धि से व्यापार में उल्लेखनीय उछाल आने की संभावना है। 2023 में 11 के मुकाबले, इस साल 18 शुभ तिथियों के कारण व्यापार में और बढ़त होगी। अकेले दिल्ली में ही इस सीजन में 4.5 लाख शादियों से 1.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान है।
**शुभ विवाह तिथियां और आर्थिक प्रभाव**
कैट की वेद एवं आध्यात्मिक कमेटी के संयोजक आचार्य दुर्गेश तारे के अनुसार, इस वर्ष शादी का सीजन 12 नवंबर, देव उठनी एकादशी से शुरू होकर 16 दिसंबर तक चलेगा। नवंबर में शुभ तिथियां 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28, और 29 हैं, जबकि दिसंबर में 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15, और 16 हैं। इसके बाद विवाह कार्यक्रम लगभग एक महीने तक रुक जाएंगे और जनवरी 2025 के मध्य से मार्च तक फिर शुरू होंगे।
कैट द्वारा 75 प्रमुख शहरों के व्यापारिक संगठनों और विभिन्न वस्तुओं व सेवाओं से जुड़े व्यापारी एवं व्यापारी संगठनों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है। इस सीजन में अनुमानित 48 लाख शादियों के साथ, शादी से जुड़ी वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च से अर्थव्यवस्था में 5.9 लाख करोड़ रुपये का होने की संभावना है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं दिल्ली के चाँदनी चौक से सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इस अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि उपभोक्ता अब भारतीय वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' के आह्वान को मजबूती मिल रही है। विदेशी सामान की तुलना में भारतीय उत्पादों की मांग में भारी वृद्धि देखी जा रही है, जो देश में भारतीय उत्पादों के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करती है।
**शादी के खर्च का विवरण**
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी. भरतिया ने बताया कि शादी के खर्च का पैमाना इस प्रकार है:
- 10 लाख शादियां, प्रति शादी 3 लाख रुपये खर्च
- 10 लाख शादियां, प्रति शादी 6 लाख रुपये खर्च
- 10 लाख शादियां, प्रति शादी 10 लाख रुपये खर्च
- 10 लाख शादियां, प्रति शादी 15 लाख रुपये खर्च
- 7 लाख शादियां, प्रति शादी 25 लाख रुपये खर्च
- 50,000 शादियां, प्रति शादी 50 लाख रुपये खर्च
- 50,000 शादियां, प्रति शादी 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक खर्च
कैट के राष्ट्रीय मंत्री श्री सुमित अग्रवाल ने कहा कि ये अनुमान वास्तव में वास्तविकता से भी कम माने जाते हैं और शादी के सीजन के दौरान होने वाली व्यापक आर्थिक गतिविधियों को दर्शाते हैं। शुभ तिथियों के अलावा भी अन्य दिनों में बड़े पैमाने पर शादियां होती हैं।
**आर्थिक उछाल में योगदान देने वाले सामान और सेवाएं**
कैट के अनुसार, शादी के खर्च आमतौर पर सामान और सेवाओं के बीच विभाजित होते हैं। सामान क्षेत्र में निम्नलिखित वस्तुओं में महत्वपूर्ण व्यापार होने की उम्मीद है:
- वस्त्र, साड़ियां, लहंगे, और परिधान (10%)
- आभूषण (15%)
- इलेक्ट्रॉनिक्स, विद्युत उपकरण, और उपभोक्ता टिकाऊ सामान (5%)
- सूखे मेवे, मिठाइयां, और नमकीन (5%)
- किराने का सामान और सब्जियां (5%)
- उपहार वस्तुएं (4%)
- अन्य सामान (6%)
सेवाओं के क्षेत्र में खर्च निम्नलिखित में वितरित होगा:
- बैंक्वेट हॉल, होटल, और शादी के स्थल (5%)
- इवेंट मैनेजमेंट (5%)
- टेंट डेकोरेशन (12%)
- खानपान सेवाएं (10%)
- फूलों की सजावट (4%)
- परिवहन और कैब सेवाएं (3%)
- फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी (2%)
- ऑर्केस्ट्रा और बैंड (3%)
- लाइट और साउंड (3%)
- अन्य सेवाएं (3%)
इस साल एक नया ट्रेंड शादी में सोशल मीडिया सेवाओं पर बढ़ता हुआ खर्च है।
**आगामी त्योहार व्यापार की गति बनाए रखेंगे**
कैट के राष्ट्रीय चेयरमैन श्री ब्रजमोहन अग्रवाल ने कहा कि शादी के इस चरण के बाद, क्रिसमस और नए साल के उत्सवों के साथ व्यापार में रफ्तार बनी रहेगी। इसके बाद, 16 जनवरी, मकर संक्रांति से शादी के अगले दौर की शुरुआत होगी।
खंडेलवाल ने जोर देकर कहा कि यह विस्तारित शादी का सीजन और त्योहारों की बिक्री मिलकर भारतीय अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व बढ़ावा देंगे, जिससे देशभर के कई उद्योग एवं व्यापार लाभान्वित होंगे तथा अपनी उत्पादन क्षमता एवं व्यापार में वृद्धि करने की ओर कदम बढ़ायेंगे तथा व्यापार को और अधिक उन्नत एवं डिजिटल टेक्नोलॉजी से जोड़ेंगे।
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