महिलाओं के लिए कार्य करने वाली तथा महिलाओं के द्वारा संचालित एवं महिलाओं के क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश की जानीमानी संस्था हर संभव फाऊंडेशन रायपुर द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सामूहिक रूप से हल्दी कुमकुम का एक भव्य कार्यक्रम एक निजी गार्डन में आयोजित किया गया। इस आयोजन की मुख्य अतिथि के रूप में दीप्ति दुबे मौजूद रही।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि दीप्ति दुबे ने कहा कि हल्दी-कुमकुम सनातनी संस्कृति में अखंड सौभाग्य का प्रतीक है। हल्दी-कुमकुम से सौभाग्य में वृद्धि होती है। मकर संक्रांति से इस पर्व की शुरुआत होती है। इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को परंपरा निभाने के साथ ही एक दूसरे को जानने और समझने का मौका भी मिलता है। श्रीमती दुबे ने कहा कि मेलजोल बढ़ने से नए विचार और नई ऊर्जा का संचार होता है। इस तरह के आयोजनों से सामाजिक एकता बढ़ती है।
हल्दी कुमकुम कार्यक्रम की आयोजक संस्था हर संभव फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष पुष्पलता त्रिपाठी ने बताया कि हर संभव फाउंडेशन के द्वारा विगत कई वर्षों से यह आयोजन किया जा रहा है। इस बार के कार्यक्रम में महिलाओं को एकत्रित एवं संगठित कर सभी महिलाओं को सिंदूर का तिलक, टीका, हल्दी कुमकुम, चावल एवं पुष्प वर्षा से जोरदार स्वागत किया गया। पुष्पलता त्रिपाठी ने बताया कि इसके अलावा सभी महिलाओं को तिल के लड्डू ,चॉकलेट फूड पैकेट, खाद्य पदार्थ, इत्र लगाकर सुहाग सामग्री, गृह उपयोगी सामग्री उपहार स्वरूप प्रदान की गई। श्रीमती त्रिपाठी ने बताया कि हल्दी कुमकुम कार्यक्रम को और रोमांचकारी बनाने के लिए महिलाओं को कई प्रकार के खेल खिलवाया गया। प्रतियोगिता समापन के बाद सभी विजेता महिला प्रतिभागियों को कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दीप्ति दुबे के द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित किया गया। इस कार्य में हर संभव फाऊंडेशन की समस्त महिला पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता सदस्य बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लेती हैं।
हल्दी – कुमकुम महाराष्ट्र से निकलकर देश का पर्व बना : पुष्पलता त्रिपाठी
इस अवसर पर हर संभव फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष पुष्पलता त्रिपाठी ने कहा कि हल्दी कुमकुम मुख्यतः महाराष्ट्र प्रदेश का सुहागन महिलाओं को सुहाग सामग्री देकर तिलकुट एवं धार्मिक घरेलू कार्यक्रम है, जो अब पूरे देश में महिलाओं द्वारा अपने सुहाग की सलामती के लिए किया जाने वाला सार्वजनिक पर्व बन गया है। पुष्पलता त्रिपाठी ने कहा कि इस त्यौहार को सभी सुहागन महिलाएं बहुत ही उत्साह से करती हैं जिसमें गीत, संगीत, नाच – गाना, हंसी – मजाक, मस्ती आदि के रंग भरे जाते हैं । उन्होंने कहा कि यह आनंद उत्साह के माहौल से स्वस्थ रहने का यह एक बहुत ही अच्छा अवसर होता है जिसमें भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं। इस अवसर सीमा छाबड़ा संरक्षक, प्रो.सुनीता चंदसोरिया, सोनल शर्मा, पूनम शुक्ला, डॉ प्रीति उपाध्याय, प्रीति मिश्रा, ममता गुप्ता, रेवती सिंह, प्रेमलता त्रिवेदी, भारती शर्मा, तृप्ति सक्सेना, श्वेता घुडुई, नीता थापा, दीपाली दुबे, नीलू आदि सभी के उपस्थित में यह भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।