भोपाल के बंगरसिया स्थित कॉलोनी में रहने वाले सीआरपीएफ जवान ने बुधवार-गुरुवार दरमियानी रात 1:30 बजे गोली मारकर पत्नी की हत्या कर दी। उसने पत्नी को दो से ज्यादा गोलियां मारी। इसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम और डायल 100 में खुद कॉल कर हत्या करने की जानकारी दी।
पुलिस मौके पर पहुंची तो जवान का शव खून से लथपथ मिला। पास ही पत्नी का शव भी पड़ा था। इसके बाद पुलिस ने दोनों बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। घटनास्थल की जांच के दौरान पुलिस को पास ही पड़ी सर्विस इंसास राइफल और आठ कारतूस मिले हैं।
पुलिस पहुंची तो पति-पत्नी के लहुलुहान शव मिले टीआई मनीष राज सिंह भदौरिया ने बताया कि रात करीब 1:30 बजे रविकांत ने कॉल कर बताया कि मैंने अपनी पत्नी को गोली मार दी है। फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि दोनों को कितनी गोली लगी है। पत्नी की बॉडी में पीठ और पसली पर दो घाव साफ दिखाई दे रहे हैं। दोनों बॉडी का पीएम एम्स में कराया जा रहा है।
रविकांत वर्मा (35) और पत्नी रेनू वर्मा (32) सीआरपीएफ कैंप के पास सिविल कॉलोनी में रहते थे। ये लोग मूल रूप से भिंड के मिहोना के रहने वाले थे। जानकारी के मुताबिक इनके दो बच्चे ढाई साल की बेटी और 6 साल का बेटा है। रविकांत के दो अन्य भाई भी सीआरपीएफ में ही नौकरी करते हैं। रवि 13 साल पहले सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था।
दूसरे कमरे में बिलखते मिले दंपती के दोनों बच्चे पुलिस ने बताया कि पति-पत्नी के शव एक कमरे में थे, जबकि दोनों मासूम दूसरे कमरे में बैठे बिलख रहे थे। गोलियों की आवाज सुनने के बाद पड़ोसी मौके पर पहुंचे, तब तक पत्नी-पत्नी की मौत हो चुकी थी। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि दोनों के बीच आए दिन झगड़े की आवाज आती थी।
मायके को ज्यादा तवज्जो देने को लेकर विवाद पुलिस की अब तक की जांच में पता चला है कि सीआरपीएफ जवान रविकांत और रेनू की 8 साल पहले शादी हुई थी। पत्नी रेनू मायके पक्ष से फोन पर ज्यादा बातचीत करती थी। जवान को लगता था कि पत्नी ससुराल से ज्यादा मायके पक्ष को तवज्जो देती है। उससे और बच्चों से ज्यादा समय फोन पर बातचीत में बिताती है।
इसी वजह से दोनों के बीच आए दिन विवाद होते थे। पुलिस का मानना है कि दोनों के बीच हुआ विवाद देर रात तक चला, इसके बाद जवान ने यह कदम उठाया है।