शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। रेड सी क्राइसिस, कोविड-19 केसेस, ऑयल प्राइसेस, FII-फ्लो, क्रूड ऑयल प्राइस, डोमेस्टिक डेटा रिलीज और अपकमिंग IPO पर बाजार की नजर रहेगी। सोमवार (25 दिसंबर) को क्रिसमस की छुट्टी के चलते शेयर बाजार बंद रहेगा।
यहां हम ऐसे फैक्टर्स के बारे में बता रहे हैं, जिनसे 26 दिसंबर यानी मंगलवार से शुरू हुए हफ्ते में बाजार की चाल तय होगी...
रेड सी क्राइसिस
हूती विद्रोहियों ने इजराइल-गाजा की लड़ाई में हमास के समर्थन का ऐलान किया है और रेड सी से गुजरने वाले कॉमर्शियल जहाजों को निशाना बना रहे हैं। इसके चलते कई कंपनियों ने या तो ऑपरेशन सस्पेंड कर दिए हैं या जहाजों का रूट बदल दिया है।
इस कदम से माल ढुलाई दरें बढ़ गई हैं, क्योंकि रूट लंबे हो गए हैं और सप्लाई की मात्रा कम हो गई है। CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, 21 दिसंबर तक 21 लाख से ज्यादा कार्गो कंटेनरों को ले जाने वाले लगभग 158 जहाजों को रीरूट करके रेड सी से दूर ले जाया गया था। इस कार्गो की कीमत 105 अरब डॉलर आंकी गई है।
ICRA लिमिटेड के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट और सेक्टर हेड, कॉरपोरेट रेटिंग्स, वरुण गोगिया के मुताबिक, कुल लॉजिस्टिक्स लागत में ग्रोथ होना तय है, जिसे भारतीय निर्यातकों और आयातकों को एंड यूजर तक पहुंचाना मुश्किल हो सकता है। यदि रेड सी संघर्ष लंबे समय तक चलता है या संघर्ष बढ़ता है, तो यह महंगाई के दबाव को बढ़ा सकता है।
कोविड-19 केसेस
भारत में कोविड-19 के नए JN.1 वैरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार ने राज्यों से निरंतर निगरानी बनाए रखने और इन्फ्लूएंजा जैसी सभी और सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों की रिपोर्ट करने को कहा है।
राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे सभी जिलों में कोविड-19 टेस्टिंग दिशानिर्देशों के अनुसार पर्याप्त टेस्टिंग सुनिश्चित करें। अगर स्थिति और बिगड़ती है तो आगे चलकर बाजार पर असर पड़ सकता है।
ऑयल प्राइसेस
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, OPEC छोड़ने के बाद अंगोला की ओर से क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन बढ़ाए जा सकने की उम्मीद में शुक्रवार को ऑयल की कीमतें कम हो गईं। हफ्ते के आखिरी में ब्रेंट वायदा 32 सेंट या 0.4% गिरकर 79.07 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड 33 सेंट या 0.5% गिरकर 73.56 डॉलर पर बंद हुआ।
हालांकि, अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़ी सकारात्मक खबरों और रेड सी में जहाजों पर हूती हमलों से सप्लाई कॉस्ट में वृद्धि की चिंताओं के कारण साप्ताहिक आधार पर ऑयल की कीमतों में तेजी आई है।
FII-फ्लो
भू-राजनीतिक चिंताओं के फिर से बढ़ने से फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) ने बीते हफ्ते में 6,300 करोड़ रुपए की भारतीय इक्विटी बेची। कुछ एनालिस्टों ने बिकवाली के लिए मुनाफावसूली की सामान्य प्रोसेस को भी जिम्मेदार ठहराया है। इस बीच, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने बीते हफ्ते में 8,900 करोड़ रुपए की इक्विटी खरीदी।
बहरहाल, इस महीने अब तक नकदी बाजार में FII, DII की तुलना में बड़े खरीदार रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि चूंकि 2024 में अमेरिकी ब्याज दरों में और गिरावट आने की उम्मीद है, इसलिए फॉरेन इन्वेस्टर्स की ओर से 2024 में भी खरीदारी जारी रहने की संभावना है।
डोमेस्टिक डेटा रिलीज
ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स बैंक लोन ग्रोथ, डिपॉजिट ग्रोथ, फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट आंकड़ों पर नजर रखेंगे, जो 29 दिसंबर को बाजार बंद होने के बाद जारी किए जाएंगे।
IPO और लिस्टिंग
पिछले हफ्ते बाजार में रही थी गिरावट
पिछले पूरे कारोबारी हफ्ते में सेंसेक्स 0.36% गिरा था। निफ्टी में भी 0.53% की गिरावट रही थी। हालांकि, बीते कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन यानी शुक्रवार (22 दिसंबर) को शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली थी।
सेंसेक्स 241 अंक की तेजी के साथ 71,106 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी में भी 94 अंक की तेजी रही थी, यह 21,349 के स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 20 में तेजी और 10 में गिरावट देखने को मिली। IT और रियल्टी सेक्टर में सबसे ज्यादा तेजी रही थी।