इस साल स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड ने 55% से ज्यादा रिटर्न दिया है। यानी, साल की शुरुआत में जिसने स्मॉलकैप फंड में 1 लाख रुपए निवेश किए उनका इन्वेस्टमेंट बढ़कर करीब 1.5 लाख रुपए हो गया। वहीं मिड कैप ने 45% से ज्यादा, मल्टी कैप ने 40% से ज्यादा, फ्लेक्सी कैप ने करीब 40% और लार्ज कैप ने 30% से ज्यादा का रिटर्न दिया है।
वहीं इसकी तुलना अगर हम सेंसेक्स से करें तो इस साल इसमें 16% से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। साल की शुरुआत में सेंसेक्स 61,000 के स्तर पर था जो अब 71,106 के स्तर पर आ गया है। यानी एक साल में सेंसेक्स 10,000 पॉइंट से ज्यादा चढ़ा है। ऐसे में यहां हम सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले म्यूचुअल फंड के बारे में बता रहे हैं...
बेंचमार्क क्या है?
बेंचमार्क आम तौर पर भारतीय शेयर बाजार के BSE सेंसेक्स और निफ्टी जैसे अन्य मार्केट के सूचकांक होते हैं, जिसके साथ म्यूचुअल फंड के रिटर्न को कंपेयर किया जाता है। इसको एक एग्जांपल से समझते हैं-
अगर आपके किसी खास म्यूचुअल फंड ने किसी खास समय के दौरान 59% का रिटर्न दिया है। वहीं, इस दौरान उसके बेंचमार्क ने 70% रिटर्न दिया है तो इससे यह पता चलता है कि उस फंड ने बेंचमार्क की तुलना में कम रिटर्न दिया है। बेंचमार्क की तुलना में जो म्यूचुअल फंड जितना ज्यादा रिटर्न देता है उसका परफॉर्मेंस उतना बेहतर माना जाता है।
स्मॉल कैप, मिड कैप सहित अन्य कैप क्या होते हैं?
मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी मार्केट वैल्यू के हिसाब के देश की सभी कंपनियों को 3 कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें जिन कंपनियों का मार्केट कैप 20 हजार करोड़ रुपए या इससे ज्यादा होता है, उन्हें लार्ज कैप कहा जाता है। इनकी वैल्यू 20 हजार करोड़ रुपए से कम, लेकिन 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा होती है, उन्हें मिड कैप कंपनी कहा जाता है।
जबकि स्मॉल कैप कंपनियां वैसी कंपनियां हैं जिनकी वैल्यूएशन 5 हजार करोड़ से कम होती है। आमतौर पर मार्केट कैप के लिहाज से टॉप 100 कंपनियां लार्ज कैप, 100-250 तक मिड कैप और इसके बाद की सभी कंपनियां स्मॉल कैप कंपनियां होती हैं।
मल्टी कैप फंड और फ्लेक्सी कैप फंड क्या होते हैं?
मल्टी कैप फंड, डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड होते हैं। यानी स्मॉल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप का एक 'पैकेज' फंड। इस कैटेगरी के फंड में निवेश करने पर इन्वेस्टर्स का 25% पैसा स्मॉल कैप, 25% मिड कैप और 25% लार्ज कैप में निवेश होता है। जबकि 25% पैसा फंड मैनेजर अपने हिसाब से इन्वेस्ट कर सकता है।
इसमें सिंगल फंड के जरिए आप एक साथ सभी साइज और सेक्टर की कंपनियों में इन्वेस्ट करते हैं। वहीं, फ्लेक्सी कैप में फंड मैनेजर अपने हिसाब से इन्वेस्टर्स का पैसा स्मॉल, मिड या लार्ज कैप में निवेश करते हैं। इसमें फंड मैनेजर इस बात के लिए बाध्य नहीं रहता है कि उसे किसना फंड कैटेगिरी में कितना निवेश करना है।