अब्दुल रऊफ असगर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में अपनी भूमिका के कारण मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक है. अब्दुल रऊफ 1974 में पाकिस्तान में पैदा हुआ था. वह भारत में कई आतंकी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में शामिल रहा है. उसने ही 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 के अपहरण की साजिश रची थी.
अब्दुल रऊफ असगर पर अमेरिका ने दिसंबर 2010 में प्रतिबंध लगाया था. उसके नेतृत्व में 2016 में जैश ने उरी हमले को अंजाम दिया जिसमें 19 भारतीय सैनिक मारे गए. तीन साल बाद, 14 फरवरी, 2019 को रऊफ ने पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट की साजिश रची थी जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे. भारत ने 6 मई की देर रात बालाकोट के बाद से अब तक का सबसे बड़ा सीमा पार हमला किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. यह हमला पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
भारत द्वारा सैन्य कार्रवाई कर मारे गए अब्दुल रऊफ की मौत पर अमेरिका ने इसे 'जस्टिस डिलिवर्ड' बताया है। कुख्यात आतंकी की मौत से अमेरिका के साथ-साथ यहूदी समुदाय भी काफी ज्यादा संतुष्ट नजर आ रहा है।
अमेरिका ने किया भारत का समर्थन
अमेरिका के पूर्व राजदूत और संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि रहे जालमे खलीलजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के दौरान क्रूर आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर को मार गिराया है। यह वही शख्स है जिसने 2002 में यहूदी पत्रकार डेनियल पर्ल का सिर कलम कर हत्या कर दी थी। आज इंसाफ हुआ है। थैक्यू इंडिया।"
US महिला डिप्लोमैट ने पीएम मोदी को टैग कर कहा धन्यवाद
अमेरिका की एक वरिष्ठ डिप्लोमैट एली कोहैनिम ने भी अब्दुल रऊफ अजहर की मौत पर भारत को धन्यवाद कहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO India) को टैग कर लिखा, "हम लंबे समय से डेनियल पर्ल के लिए न्याय का इंतजार कर रहे थे। उनकी बेरहमी से हत्या की गई थी। मैं व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार की आभारी हूं।"
अंतरराष्ट्रीय मीडिया और यहूदी समुदाय ने की सराहना
भारत द्वारा की गई कार्रवाई को इजरायली अखबार 'द यरूशलम पोस्ट' ने प्रमुखता से कवर किया और अपनी रिपोर्ट में कहा कि दुनिया भर का यहूदी समुदाय भारत की इस कार्रवाई से राहत महसूस कर रहा है। जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ भारत की सख्ती को वैश्विक समर्थन मिल रहा है।