पेटीएम की पैरेंट कंपनी 'वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड' ने 1,000 से अधिक एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाल दिया है। पिछले कुछ महीनों में कंपनी ने अलग-अलग यूनिट्स में छंटनी की है। इकोनॉमिक्स टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने कॉस्ट कटिंग करने के लिए एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाला है और वह अपने विभिन्न बिजनेस को रिअलाइन कर रही है। इस छंटनी से वन 97 कम्युनिकेशंस के कुल कर्मचारियों की संख्या का कम से कम 10% प्रभावित होने का अनुमान है।
सबसे ज्यादा छंटनी करने वाली टेक फर्म में से एक पेटीएम
रिपोर्ट के मुताबिक, पेटीएम में हुई छंटनी इस साल किसी इंडियन न्यू एज टेक फर्म की ओर से की गई सबसे बड़ी छंटनियों में से एक है। इस साल सबसे ज्यादा स्टार्टअप्स में से एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाला गया। फंडिंग की कमी, बिजनेस की रिस्ट्रक्चरिंग, कॉस्ट कटिंग सहित अन्य इसकी प्रमुख वजहें रहीं।
10% से 15% स्टाफ कॉस्ट में कटिंग करेगी पेटीएम
कंपनी के प्रवक्ता ने छंटनी की बात स्वीकार करते हुए कहा, 'वर्तमान फाइनेंशियल ईयर के दौरान पेटीएम 10%-15% स्टाफ कॉस्ट में कटिंग करेगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड ऑटोमेशन वाले रोल्स इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। हालांकि, निकाले गए कर्मचारियों की संख्या पर कंपनी के प्रवक्ता ने असहमति व्यक्त की है।
पर्सनल लोन और मर्चेंट लोन ऑफर करेगी पेटीएम
हाल ही में पेटीएम ने लोन बिजनेस की स्ट्रैटजी बदलने का ऐलान किया है। 6 दिसंबर को कंपनी ने बताया कि इसके लिए वो बड़े बैंकों और NBFCs के साथ मिलकर बड़े साइज के पर्सनल लोन और मर्चेंट लोन ऑफर करेगी। इसमें लोअर रिस्क और हाई क्रेडिट वर्थी कस्टमर्स को टारगेट किया जाएगा।
50,000 से कम टिकट साइज के लोन डिस्ट्रीब्यूशन को वो कम करेगी। NBFC, यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज ऐसी कंपनियां होती हैं जो विभिन्न बैंकिंग सेवाएं प्रदान करती हैं लेकिन उनके पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, लोन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए उसके आदित्य बिरला कैपिटल, हीरो फिनकॉर्प, टाटा कैपिटल और फाइब जैसे NBFC पार्टनर हैं। वे एक बड़े बैंक को भी इंटीग्रेट करने की प्रोसेस में हैं।
Q2FY24 में पेटीएम का नेट लॉस घटकर ₹292 करोड़ रहा
फाइनेंशियल ईयर 2023-24 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में पेटीएम का नेट लॉस करीब आधा कम होकर 292 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी का नेट लॉस 571.5 करोड़ रुपए रहा था।
ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV), मर्चेंट सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू और लोन बिजनेस में बढ़ोतरी से कंपनी को अपना घाटा कम करने में मदद मिली। 20 अक्टूबर को कंपनी ने Q2FY24 के नतीजे जारी किए थे।
सितंबर तिमाही में रेवेन्यू 32% बढ़कर 2,519 करोड़ रहा
पेटीएम का सितंबर तिमाही में रेवेन्यू 32% बढ़कर 2,519 करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1,914 करोड़ रुपए रहा था। कंपनी का डायरेक्ट एक्सपेंस सितंबर तिमाही में 1,093 करोड़ रुपए रहा।
तिमाही आधार पर पेटीएम का रेवेन्यू 7% बढ़ा है। इसका जून तिमाही में रेवेन्यू 2,341 करोड़ रुपए रहा था। वहीं कंपनी का नेट लॉस जून तिमाही में 358 करोड़ रुपए रहा था।